बैंक रिकवरी एजेंट की हत्या का बड़ा खुलासाः बेइज्जती का बदला लेने के लिए रची गई थी साजिश, तीन आरोपी गिरफ्तार
जबलपुर। 24 सितंबर को जबलपुर के संजीवनी नगर थाने के कुगवा गांव के बाहर मिले बैंक रिकवरी एजेंट राहुल पटेल (32) के शव के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस ने बताया कि एजेंट की हत्या सिर्फ इस कारण से की गई थी, क्योंकि उसने किस्त न चुकाने पर आरोपियों को सार्वजनिक रूप से बेइज्जत किया था। गुरुवार को पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों - पिता, पुत्र और एक अन्य रिश्तेदार - को गिरफ्तार कर लिया।
किस्त न चुकाने पर हुआ विवाद
घटना की शुरुआत तब हुई जब गांव के अमन चौधरी उर्फ बब्बू (28) ने फरवरी 2023 में एक बाइक फाइनेंस करवाई थी, लेकिन लगातार तीन महीने से किस्त जमा नहीं कर पाया था। बैंक की तरफ से रिकवरी एजेंट राहुल पटेल को बार-बार उसके घर भेजा जा रहा था। एक हफ्ते से 8 उसके घर भेजा जा रहा था। एक हफ्ते से 8 हजार रुपये की रिकवरी के लिए राहुल चक्कर काट रहा था। इसी दौरान राहुल ने अमन और उसके पिता रामचरण चौधरी (54) को सार्वजनिक रूप से कह दिया था कि "जब तुम लोगों की औकात नहीं है तो बाइक क्यों खरीदी।" यह बयान आरोपियों को इतना बुरा लगा कि उन्होंने बदला लेने की ठान ली।
हत्या की योजना और घटना
20 सितंबर को राहुल की अमन से आखिरी बार
गांव में झड़प हुई थी। इसके बाद अमन के चचेरे भाई उदय चौधरी ने राहुल की हत्या की योजना बनाई। 24 सितंबर को अमन ने राहुल को फोन कर उसे माफी मांगने के बहाने गांव बुलाया। सीसीटीवी फुटेज में दोपहर 12:58 बजे राहुल गांव में एक्टिवा से प्रवेश करता दिखा। अमन, उसके पिता और चचेरे भाई ने मिलकर राहुल को गांव के बाहरी इलाके में ले जाकर हमला किया। अमन ने पहला वार किया, फिर रामचरण ने डंडे से उसके सिर पर प्रहार किया, जिससे राहुल जमीन पर गिर पड़ा। इसके बाद तीनों ने डंडे और सब्बल से पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी।
शव मिलने और जांच में खुलासा
घटना के पांच घंटे बाद शाम को एक ग्रामीण ने वहां से गुजरते समय शव देखा और पुलिस को सूचना दी। घटना के बाद जब जांच शुरू हुई तो राहुल के चचेरे भाई उमेश पटेल, जो स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता हैं, ने सबसे पहले अमन पर शक जताया। पुलिस ने दबिश दी, तो अमन फरार था, लेकिन उसके चचेरे भाई उदय चौधरी से पूछताछ के दौरान उसकी हड़बड़ाहट से पुलिस को सुराग मिला। उदय ने अनजाने में खुलासा कर दिया कि अमन का ही बैंक से बाइक फाइनेंस को लेकर राहुल से विवाद हुआ था। इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
निष्कर्ष
यह घटना बताती है कि किस प्रकार एक छोटी सी आर्थिक समस्या और बेइज्जती का बदला लेने की मानसिकता ने एक निर्दोष की जान ले ली। पुलिस द्वारा की गई तेज़ कार्रवाई से मामले का जल्द ही खुलासा हो गया और आरोपी गिरफ्तार हो गए।