बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में प्रसूता की मौत पर बवाल, परिजनों ने इलाज में लापरवाही का लगाया आरोप
सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) में इलाज के दौरान हुई प्रसूता सुमन पटेल की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मृतका के परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही और मेडिकल छात्रों द्वारा मारपीट करने का आरोप लगाया है। इस घटना को लेकर परिजनों और सर्वसमाज के लोगों ने गुरुवार को सागर के एसपी कार्यालय तक रैली निकाली, जहां उन्होंने न्याय की मांग की।
रैली में नारेबाजी और भजन
खेल परिसर मैदान से शुरू हुई रैली एसपी कार्यालय तक पहुंची, जहां प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और बीएमसी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मृतका सुमन के लिए न्याय की मांग करते हुए, प्रदर्शनकारियों ने एसपी को बुलाने की मांग की। जब एसपी विकास शहवाल कार्यालय में नहीं मिले, तो प्रदर्शनकारी जमीन पर बैठ गए और "रघुपति राघव राजाराम" भजन गाने लगे। इसके बाद एडिशनल एसपी लोकेश सिंहा ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने की कोशिश की।
परिजनों के आरोप
मृतका सुमन के पति अमित पटेल ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी को 26 सितंबर को बीएमसी में भर्ती कराया गया था, जहां उसने बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद, इलाज में लापरवाही के चलते सुमन की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि बीएमसी प्रबंधन ने मौत की जानकारी छिपाने की कोशिश की और प्रसूता का शव वेंटीलेटर पर रखा रहा। अगले दिन बिना बताए शव को पोस्टमार्टम रूम में पहुंचा दिया गया।
साथ ही, परिजनों ने मेडिकल छात्रों पर मारपीट का आरोप लगाया, जिसमें उन्होंने डॉक्टर शीला जैन और अन्य छात्रों पर एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासन का आश्वासन
एडिशनल एसपी लोकेश सिंहा ने मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि मर्ग कायम कर जांच की जा रही है और जल्द ही परिवार के बयान दर्ज किए जाएंगे। पुलिस ने परिजनों से घटनाक्रम से जुड़े साक्ष्य देने की भी अपील की है। समझाइश के बाद प्रदर्शनकारियों ने अपना ज्ञापन सौंपा और वहां से चले गए।
मामले की संवेदनशीलता
यह मामला चिकित्सा क्षेत्र में लापरवाही और अस्पताल प्रबंधन की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा कर रहा है। स्थानीय समाज और प्रशासनिक अधिकारियों से निष्पक्ष जांच और न्याय की उम्मीद की जा रही है।