9 साल के इंतजार के बाद मिला वीजा, चंद दिनों में लौटना पड़ा – वाघा बॉर्डर पर पाक महिला ने बयां किया दर्द
नई दिल्ली/अमृतसर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी हैं। इस फैसले के तहत विशेष श्रेणियों को छोड़कर सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द माने जाएंगे और उन्हें 29 अप्रैल तक भारत छोड़ना होगा।
इस फैसले की सीधी मार उन पाक नागरिकों पर पड़ी है जो वैध वीजा पर भारत में रह रहे थे। ऐसे ही एक मामले में पाकिस्तान की मीनल खान की कहानी सामने आई है, जिन्होंने हाल ही में जम्मू के घरोटा निवासी सीआरपीएफ जवान मुनीर खान से ऑनलाइन निकाह कर भारत में प्रवेश किया था। मीनल का कहना है कि उन्हें यह वीजा 9 साल की लंबी प्रक्रिया के बाद प्राप्त हुआ था और उन्होंने लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) के लिए भी सभी औपचारिकताएं पूरी की थीं।
वाघा बॉर्डर पर छलका दर्द
वाघा बॉर्डर पर मीडिया से बातचीत में मीनल भावुक हो गईं। उन्होंने कहा, "हमारा कोई कसूर नहीं है। 9 साल बाद वीजा मिला था, और एलटीवी के लिए भी सभी नियमों का पालन किया था। अचानक सब कुछ रद्द कर दिया गया और कहा गया कि वापस जाना होगा। हमें अपने परिवार के साथ रहने दिया जाना चाहिए।"
मीनल ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि निर्दोषों की हत्या के लिए जिम्मेदारों को सख्त सजा मिलनी चाहिए, लेकिन इससे आम नागरिकों को सजा नहीं मिलनी चाहिए।
सुरक्षा पर उठे सवाल
हालांकि, इस घटनाक्रम ने सुरक्षा एजेंसियों के सामने भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर लोग यह पूछ रहे हैं कि एक पाकिस्तानी महिला ने सीआरपीएफ जवान से ऑनलाइन निकाह कर भारत में कैसे प्रवेश किया और रह रही थी। कई यूजर्स ने इस पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच की मांग की है।
CRPF में कार्यरत मुनीर खान जम्मू के घरोटा इलाके के निवासी हैं। ऐसे में एक अर्धसैनिक बल के जवान द्वारा पाकिस्तानी नागरिक से विवाह करना सुरक्षा की दृष्टि से चर्चा का विषय बन गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी परिस्थितियों में अधिक सतर्कता और जांच की आवश्यकता है।
सरकार का फैसला और सख्त रुख
भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 27 अप्रैल से पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा रद्द माने जाएंगे। यह निर्णय पहलगाम हमले के बाद लिया गया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। इस हमले के बाद भारत ने आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने वाले किसी भी संभावित स्रोत के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकेत दिया है।