तीन प्रमुख आपराधिक कानूनों में संशोधन: राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, अब धोखा धड़ी में 420 नही 316 के तहत होगा केस दर्ज,और जाने .....
दोनों सदनों द्वारा पारित तीनों संशोधित आपराधिक कानूनों को अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी भी मिल गई है। भारत सरकार जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर इन कानूनों को लागू कर सकती है। इन कानूनों के बाद अब भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता (द्वितीय) बन गई है। वहीं, दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (द्वितीय) ने ली है। इसके अलावा, भारतीय साक्ष्य अधिनियम (IEA) की जगह भारतीय साक्ष्य संहिता (द्वितीय) ने ले ली है।
महत्वपूर्ण धाराओं में बदलाव
हम आपको कुछ ऐसे कानूनों की धाराओं के बारे में बता रहे हैं, जो सार्वजनिक डोमेन में फेमस हैं, लेकिन नए कानूनों के बाद अब उनकी जगह दूसरी धाराओं ने ले ली है:
- धोखाधड़ी और ठगी: पहले धारा 420 के तहत केस दर्ज किया जाता था, अब 316 के तहत केस दर्ज किया जाएगा।
- हत्या: पहले धारा 302 में हत्या की सजा का प्रावधान था, अब हत्या को लेकर सजा धारा 101 के तहत आएगी।
- अवैध जमावड़ा: पहले धारा 144 के तहत था, जिसे अब धारा 187 के नाम से जाना जाएगा।
- **युद्ध छेड़ने का प्रयास**: पहले धारा 121 के तहत था, अब यह धारा 146 के तहत आएगा।
- **मानहानि**: पहले धारा 499 के तहत था, अब यह धारा 354 के अंतर्गत आती है।
- **बलात्कार**: पहले धारा 376 के तहत था, अब यह धारा 64 के तहत और सामूहिक बलात्कार धारा 70 के तहत आता है।
- **राजद्रोह**: धारा 124-ए को खत्म कर दिया गया है और उसकी जगह देशद्रोह कानून धारा 150 के रूप में जाना जाएगा।
नए कानूनों की आत्मा भारतीय है: अमित शाह
इन बिलों पर चर्चा करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने न केवल इन पुराने कानूनों का नाम बदला है बल्कि यह नए विधेयक सजा देने के बजाय न्याय दिलाने के उद्देश्य से लाए गए हैं। गृहमंत्री ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार ये नए कानून भारतीय संविधान की भावना के अनुरूप बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन नए कानूनों की आत्मा भारतीय है और पहली बार भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली भारत द्वारा, भारत के लिए और भारतीय संविधान में बनाए गए कानूनों से संचालित होगी।