फर्जी वसीयत बनाकर जमीन हड़पने का मामला: तहसीलदार समेत 7 लोगों पर मामला दर्ज, तहसीलदार गिरफ्तार
जबलपुर के विजयनगर थाना पुलिस ने फर्जी वसीयत के जरिए दूसरे की जमीन हड़पने के आरोप में तहसीलदार, पटवारी और अन्य पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस मामले में तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
विजयनगर थाना अंतर्गत ग्राम रैगावं में स्थित एक हेक्टेयर जमीन को अधारताल तहसील में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर दीपा दुबे ने फर्जी वसीयत के माध्यम से अपने पिता के नाम करवा लिया। इस षड्यंत्र में तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे और पटवारी जागेंद्र पिपरे भी शामिल थे। शिवचरण पांडे नामक व्यक्ति की शिकायत पर यह मामला सामने आया।
शिकायतकर्ता शिवचरण पांडे के अनुसार, उनके पिता महावीर पांडे के नाम पर रैगावं में एक हेक्टेयर जमीन थी। महावीर पांडे की मृत्यु के बाद, यह जमीन दस्तावेजों में शिवचरण के नाम दर्ज हो गई थी। लेकिन अगस्त 2023 में अचानक शिवचरण का नाम खसरे से हटा दिया गया। जब उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की, तब इस घोटाले का खुलासा हुआ।
जांच में हुआ खुलासा
अपर कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम द्वारा की गई जांच में पता चला कि अधारताल तहसील कार्यालय में 10 साल तक कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर दीपा दुबे ने तहसीलदार और पटवारी के साथ मिलकर फर्जी वसीयत तैयार की थी। इसके बाद, एक हेक्टेयर जमीन को अपने पिता श्याम नारायण के नाम करवा लिया।
जमीन के सौदे की साजिश
दीपा दुबे के पिता श्याम नारायण जबलपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय में ड्राइवर के पद पर कार्यरत थे, और जून 2024 में उनके निधन के बाद दीपा ने इस जमीन को अपने भाई रवि शंकर और अपने नाम दर्ज करवा लिया। इसके बाद दीपा ने इस जमीन को करोड़ों रुपये में हर्ष पटेल और अमिता पाठक नामक व्यक्तियों को बेच दिया।
पुलिस की कार्रवाई
शिवचरण पांडे की शिकायत पर विजयनगर थाना पुलिस ने तहसीलदार, पटवारी और कंप्यूटर ऑपरेटर समेत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।