महिला बाल विकास विभाग का बाबू रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
अशोकनगर जिले में महिला बाल विकास विभाग के एक कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा है। यह मामला मुंगावली परियोजना कार्यालय का है, जहां सहायक ग्रेड थ्री के कर्मचारी अनिल कुमार पाठक ने आंगनवाड़ी केंद्रों को पोषण आहार सप्लाई करने वाले एक समूह से रिश्वत की मांग की थी। ग्वालियर लोकायुक्त टीम ने बुधवार को इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
पोषण आहार सप्लाई में गड़बड़ी का मामला
यह मामला बरखेड़ा जमाल गांव के आंगनवाड़ी केंद्रों को खाना सप्लाई करने में हो रही गड़बड़ी से जुड़ा है। जानकी स्व सहायता समूह, जो आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण आहार की आपूर्ति करता है, ने इस मामले की शिकायत की थी। समूह के अध्यक्ष रामप्रसाद अहिरवार ने बताया कि विभाग के बाबू अनिल कुमार पाठक ने बिल पास करने के लिए 25 प्रतिशत रिश्वत की मांग की थी। 20 हजार रुपये के कुल भुगतान में से बाबू ने 12 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
दूसरी किस्त लेते समय पकड़ा गया
समूह पहले ही 3 हजार रुपये की रिश्वत की पहली किस्त दे चुका था। बुधवार को दूसरी किस्त के 7 हजार रुपये देने के दौरान लोकायुक्त की टीम ने योजना बनाकर बाबू को रंगे हाथों पकड़ लिया। फरियादी रामप्रसाद अहिरवार की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई।
लोकायुक्त की कार्रवाई
ग्वालियर लोकायुक्त डीएसपी विनोद कुशवाहा ने बताया कि फरियादी की शिकायत मिलने के बाद टीम ने जाल बिछाया और आरोपी बाबू को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इस मामले में आगे की जांच जारी है और भ्रष्टाचार के इस घिनौने कृत्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
बच्चों के पोषण आहार में हेराफेरी से जनता नाराज
इस घटना से आम जनता में काफी आक्रोश है, क्योंकि बच्चों के पोषण आहार में भी इस प्रकार की हेराफेरी बेहद चिंताजनक है। लोगों ने दोषी बाबू के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके।