कर्ज में डूबे पिता ने बच्चों के साथ नदी में लगाई छलांग, पिता और बेटे के शव मिले, बेटी की तलाश जारी
रीवा जिले में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पिता ने अपने बेटे और बेटी के साथ टमस नदी में छलांग लगा दी। इस घटना में पिता और 4 वर्षीय बेटे के शव मिल गए हैं, जबकि 5 साल की बेटी अब भी लापता है। यह दुखद घटना गुरुवार रात 9:30 बजे सोहागी थाना क्षेत्र के राजापुर पुल की बताई जा रही है।
घटना का विवरण
पुलिस के मुताबिक, मृतकों की पहचान 31 वर्षीय सुनील मांझी और उसके 4 साल के बेटे पुष्पराज के रूप में हुई है। सुनील की 5 साल की बेटी पुष्पा अब भी लापता है, और एसडीआरएफ की टीम उसकी तलाश कर रही है। शुक्रवार सुबह पुलिस ने सुनील का शव उत्तर प्रदेश में 20 किलोमीटर दूर नदी से बरामद किया, जबकि बेटे पुष्पराज का शव पुल के पास ही मिल गया।
कर्ज से परेशान था सुनील
परिजनों ने बताया कि सुनील कर्ज के बोझ से परेशान था, जिसके कारण उसने यह कदम उठाया। सुनील के पिता राम निहोर मांझी ने बताया कि गुरुवार शाम करीब 7:30 बजे सुनील अपने दोनों बच्चों को लेकर घर से निकला था। वह बच्चों को स्कूल की ड्रेस दिलाने की बात कहकर गया था, लेकिन रात 9 बजे तक वह वापस नहीं लौटा। उसकी पत्नी पूजा देवी ने फोन किया, जिस पर सुनील ने जल्द घर आने की बात कही। इसके बाद संपर्क नहीं हो सका।
रिश्तेदार ने दी जानकारी
रात में जब सुनील से दोबारा संपर्क नहीं हुआ, तो रिश्तेदार संदीप मांझी को फोन किया गया। संदीप ने सुनील के नंबर पर कॉल किया, लेकिन फोन किसी और व्यक्ति ने उठाया। उस व्यक्ति ने बताया कि राजापुर पुल पर सुनील की बाइक खड़ी है, जिसकी चाबी और मोबाइल भी बाइक पर रखे हैं। सुनील का वहां कोई पता नहीं था। इसके बाद परिजन मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।
पुलिस और एसडीआरएफ ने शुरू की तलाश
शुक्रवार सुबह पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने नदी में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सोहाग थाना प्रभारी पवन शुक्ला ने बताया कि पानी के तेज बहाव के कारण सुनील का शव उत्तर प्रदेश की ओर बह गया था। वहीं, पुष्पराज का शव पुल से थोड़ी दूरी पर मिला। फिलहाल बच्ची पुष्पा की तलाश की जा रही है।
कर्ज के बोझ में दबा था सुनील
सुनील के पिता ने बताया कि उनका बेटा किसान था और उसने परिवार के रिश्तेदारों के साथ मिलकर एक समूह बनाया था, जिसमें सभी लोग पैसे इकट्ठा करते थे। जरूरत पड़ने पर कोई भी समूह से लोन ले सकता था। 6 महीने पहले सुनील ने समूह से लोन लिया था। इसके अलावा, उसने एक पिकअप वाहन भी खरीदा था, जिसकी किस्तें चल रही थीं। माना जा रहा है कि कर्ज के बढ़ते बोझ ने उसे आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।
कर्ज के बोझ में दबा था सुनील
सुनील के पिता ने बताया कि उनका बेटा किसान था और उसने परिवार के रिश्तेदारों के साथ मिलकर एक समूह बनाया था, जिसमें सभी लोग पैसे इकट्ठा करते थे। जरूरत पड़ने पर कोई भी समूह से लोन ले सकता था। 6 महीने पहले सुनील ने समूह से लोन लिया था। इसके अलावा, उसने एक पिकअप वाहन भी खरीदा था, जिसकी किस्तें चल रही थीं। माना जा रहा है कि कर्ज के बढ़ते बोझ ने उसे आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।
परिवार में छाया मातम
इस दुखद घटना के बाद से परिवार और रिश्तेदारों में गम का माहौल है। कर्ज से परेशान होकर अपनी जान गंवाने वाला यह परिवार एक त्रासदी का शिकार हो गया है। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है और बच्ची की तलाश जारी है।