ग्राहक को मैगी नूडल्स में मिले जिंदा कीड़े, नेशनल कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज
जबलपुर, कटंगी: जबलपुर के कटंगी क्षेत्र में एक ग्राहक ने किराना दुकान से खरीदी गई मैगी नूडल्स में जिंदा कीड़े मिलने का दावा किया है। ग्राहक अंकित सेंगर ने बताया कि उन्होंने पारस पतंजलि नामक किराना दुकान से 7 रुपये वाले 10 पैकेट मैगी खरीदे थे। जब चौथा पैकेट बनाने के दौरान नूडल्स पानी में डाले गए, तो उसमें जिंदा कीड़े तैरने लगे। इस मामले की शिकायत उन्होंने नेशनल कंज्यूमर फोरम में की।
मैगी नूडल्स पर पैकेजिंग और एक्सपायरी डेट
अंकित सेंगर द्वारा खरीदी गई मैगी के पैकेट पर पैकेजिंग डेट मई 2024 और एक्सपायरी डेट जनवरी 2025 दर्ज है। उन्होंने बताया कि नूडल्स में कीड़े निकलने के बाद उन्होंने पारस पतंजलि नामक दुकान और होलसेल डीलर से शिकायत की, लेकिन दोनों जगह से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई।
फूड सेफ्टी ऑफिसर की टीम ने की जांच
नेशनल कंज्यूमर फोरम की शिकायत के बाद जिला फूड सेफ्टी ऑफिसर की टीम ने अंकित के घर पहुंचकर मैगी के कीड़े लगे पैकेट को जब्त कर लिया। टीम ने उस दुकान पर भी छापेमारी की, जहां से मैगी खरीदी गई थी। जिला फूड सेफ्टी ऑफिसर माधुरी मिश्रा ने पारस पतंजलि सेंटर, मैगी के होलसेल डीलर, और नेस्ले कंपनी को नोटिस जारी किया है। मैगी के सैंपल को भोपाल की लैब में भेजा गया है और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य पर पड़ा असर
अंकित सेंगर ने यह भी दावा किया कि मैगी खाने के बाद उनके पेट में दर्द शुरू हो गया। उनके बच्चे भी पेट दर्द की शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने 6.30 बजे नेशनल कंज्यूमर फोरम के हेल्पलाइन नंबर 1800114000 पर कॉल करके शिकायत की थी। अंकित ने बताया कि नेस्ले की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
2015 में भी लग चुका है मैगी पर बैन
यह मामला मैगी के लिए नया नहीं है। 2015 में मैगी पर तय लिमिट से अधिक केमिकल मिलने के कारण देशभर में 6 महीने का बैन लगा था। इसके बाद कंपनी ने 38,000 टन मैगी नूडल्स को वापस मंगाकर नष्ट किया था। हालांकि, नवंबर 2015 में यह प्रतिबंध हटाया गया था।
न्यायिक प्रक्रिया में फंसी नेस्ले
हाल ही में अप्रैल 2023 में, नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन (NCDRC) ने नेस्ले इंडिया के पक्ष में फैसला सुनाया था। इस मामले में सरकार ने नेस्ले से 284.55 करोड़ रुपये का मुआवजा और 355.41 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा था, लेकिन यह याचिका खारिज कर दी गई थी।
जबलपुर में सामने आए इस ताजे मामले के बाद नेस्ले और मैगी नूडल्स एक बार फिर से उपभोक्ताओं और अधिकारियों की जांच के घेरे में आ गए हैं।