नेशनल लोक अदालत में अनोखा मामला: घर में नही था शौचालय,पत्नी ने तलाक के लिए प्रताड़ना का किया केस फिर.....
मंदसौर। जिले में आयोजित नेशनल लोक अदालत में पारिवारिक विवाद के 60 मामलों का सफलतापूर्वक समाधान हुआ, लेकिन एक अनोखा मामला सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना। इस मामले में, कोर्ट ने पति को घर में शौचालय बनवाने के निर्देश दिए, जिसके बाद एक साल से मायके में रह रही पत्नी ने ससुराल लौटने का फैसला किया। यह अनूठा समझौता गंगाचरण दुबे पति-पत्नी के बीच पारिवारिक न्यायालय की 18वीं खंडपीठ में हुआ।
नसरीन और जुवेद का विवाद
मंदसौर की नसरीन का निकाह 2019 में दवतखेड़ी के जुवेद अहमद से हुआ था। शादी के समय 51,786 रुपये की मेहर तय की गई थी। ढाई साल बाद, पारिवारिक विवाद के कारण नसरीन अपने मायके चली गई और ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना, मारपीट और एक लाख रुपये की मांग का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करा दिया। मामला परिवार न्यायालय में पहुंचा, जहां मध्यस्थता के दौरान पता चला कि जुवेद का संयुक्त परिवार है, जिसमें उनके माता-पिता, एक भाई, और पांच बहनें शामिल हैं।
शौचालय न होने से था विवाद
परिवार के घर में शौचालय न होने के कारण पत्नी नसरीन नाराज थी। घर के सभी सदस्यों को शौच के लिए एक किलोमीटर दूर खुले में जाना पड़ता था, जिससे नसरीन को काफी परेशानी हो रही थी। इसी कारण वह ससुराल छोड़कर मायके चली गई थी। कोर्ट की मध्यस्थता में यह मुद्दा प्रमुखता से सामने आया। जुवेद के पिता ने कोर्ट में लिखित में आश्वासन दिया कि दो महीने के भीतर घर में शौचालय का निर्माण करवा दिया जाएगा।
समझौता और नई शुरुआत
शौचालय बनाने के लिखित वादे के बाद नसरीन अपने पति जुवेद के साथ ससुराल लौटने को तैयार हो गई। कोर्ट रूम में दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाई और मिठाई खिलाकर अपने विवाद को खत्म किया। इस प्रकार, एक साधारण शौचालय की समस्या ने एक परिवार को फिर से एकजुट कर दिया।
न्यायालय की पहल
इस मामले ने न्यायालय की मध्यस्थता प्रक्रिया और लोक अदालतों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। छोटे-छोटे विवाद, जो परिवारों को विभाजित कर सकते हैं, जब सही तरीके से हल किए जाते हैं, तो रिश्तों में नई जान डाल सकते हैं।