मध्यप्रदेश: स्कूल बंद होने की अफवाह फैला बच्चों को जबरन दी टीसी, टीचर सस्पेंड
मध्यप्रदेश के रीवा जिले के हरदी गांव स्थित एक सरकारी स्कूल से एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक टीचर ने गांव में अफवाह फैलाकर स्कूल बंद होने की झूठी खबर फैलाई और बच्चों को जबरन ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) थमा दी। इसके बाद स्कूल लगभग खाली हो गया।
घटना की जानकारी कलेक्टर प्रतिभा पाल को मिलने पर जांच के आदेश दिए गए, जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने मौके पर जाकर जांच की। जांच में सामने आया कि शिक्षक दिनकर प्रसाद मिश्र ने बच्चों को दूसरे स्कूल में दाखिला लेने की सलाह देते हुए टीसी जबरन दी थी। शुक्रवार को डीईओ की जांच के बाद टीचर को सस्पेंड कर दिया गया और स्कूल में नए शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।
स्कूल बंद होने की अफवाह और जबरन दी गई टीसी
यह घटना जिला मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर दूर मिडिल स्कूल हरदी गांव की है। यहां 1988 से माध्यमिक स्कूल संचालित है। जुलाई 2023 में स्कूल की एकमात्र अन्य शिक्षिका रेखा मिश्रा का ट्रांसफर हो गया, जिससे दिनकर प्रसाद मिश्र अकेले शिक्षक रह गए। स्कूल में केवल 15 बच्चे पढ़ रहे थे।
टीचर दिनकर प्रसाद ने जुलाई में गांव में यह अफवाह फैला दी कि स्कूल जल्द ही बंद होने वाला है, जिससे बच्चों और अभिभावकों में चिंता फैल गई। टीचर ने बच्चों को दूसरे स्कूल में दाखिला लेने की सलाह दी, और जिन बच्चों ने टीसी नहीं ली, उनके घर जाकर खुद टीसी पहुंचा दी। इस वजह से स्कूल लगभग खाली हो गया।
छात्रों ने बताई आपबीती
स्कूल की छात्राओं ने बताया, "हम पढ़ना चाहते थे, लेकिन मास्टर साहब ने हमारी एक नहीं सुनी। उन्होंने हमें बार-बार कहा कि स्कूल बंद होने वाला है और हमें किसी दूसरे स्कूल में दाखिला लेना चाहिए।" कई अभिभावक इस बात से परेशान हो गए और बच्चों का नाम काटने लगे।
जांच में सामने आई सच्चाई
गुरुवार को कलेक्टर प्रतिभा पाल को शिकायत मिलने के बाद डीईओ सुदामा गुप्ता को जांच के लिए स्कूल भेजा गया। जब शुक्रवार को डीईओ स्कूल पहुंचे, तो टीचर दिनकर प्रसाद मिश्र आराम करते मिले और रजिस्टर में किसी भी छात्र की उपस्थिति दर्ज नहीं थी। जांच में यह सामने आया कि टीचर ने आराम करने और स्कूल बंद होने की अफवाह के चलते बच्चों को जबरन टीसी दे दी थी।
टीचर सस्पेंड, बच्चों का फिर से दाखिला
कलेक्टर के आदेश पर दिनकर प्रसाद मिश्र को सस्पेंड कर दिया गया है। स्कूल में रेखा मिश्रा के साथ अन्य गेस्ट फैकल्टी को भी नियुक्त किया गया है। बच्चों का फिर से स्कूल में दाखिला कराया जा रहा है। अभी तक सात बच्चों का दोबारा एडमिशन हो चुका है, और बाकी बच्चों को वापस लाने के प्रयास जारी हैं।
गांव के लोगों में निराशा
गांव के पूर्व सरपंच ने बताया कि गांव के लोगों के सहयोग से इस स्कूल की स्थापना की गई थी और करीब डेढ़ लाख रुपये की लागत से बिल्डिंग बनाई गई थी। वर्तमान में स्कूल की दुर्दशा देखकर गांव के लोग निराश हैं, लेकिन अब प्रशासन के हस्तक्षेप से स्थिति सुधारने की उम्मीद है।