बकरी चोरी के शक में निर्दयता से हत्या, शव को काटकर तालाब में फेंका
मध्य प्रदेश के महाराजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम हरदुली में 23 अगस्त को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां बकरी चोरी के शक में अर्जुन कुचबंदिया (31) की बेरहमी से हत्या कर दी गई। घटना में कोमल गौड़ और उसके तीन साथियों ने अर्जुन पर लाठी-डंडों से हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद आरोपियों ने शव के टुकड़े कर उसे अलग-अलग तालाबों में फेंक दिया।
घटना का विवरण
23 अगस्त को अर्जुन कुचबंदिया अपने जीजा अकल कुचबंदिया के साथ हरदुली के जंगल में बकरी ढूंढने गया था। इस दौरान कोमल गौड़ ने अर्जुन को देखा और बकरी चोरी के शक में उसे पकड़ लिया। कोमल ने अपने साथियों जियालाल कोल, गोलू कोल, और मुन्ना कोल को बुलाकर अर्जुन पर हमला किया। चारों ने मिलकर अर्जुन की इतनी बुरी तरह से पिटाई की कि वह बेहोश हो गया। बाद में उसकी मौत हो गई।
मृतक के जीजा अकल कुचबंदिया ने पुलिस को बताया कि जब अर्जुन पर हमला हुआ, तो वह किसी तरह भाग कर घर आ गया। आरोपियों को जब पुलिस द्वारा पकड़े जाने का डर हुआ, तो उन्होंने शव को ठिकाने लगाने का सोचा। आरोपियों ने पहले अर्जुन के सिर, हाथ, और पैरों को काटा और फिर शव के हिस्सों को अलग-अलग बोरी में भरकर तालाबों में फेंक दिया।
शव की बरामदगी और पुलिस कार्रवाई
25 अगस्त को, अर्जुन के परिजनों ने महाराजपुर थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। हालांकि, पुलिस ने इसे केवल गुम इंसान का मामला मानकर कोई कार्रवाई नहीं की। 2 सितंबर को, जब तालाब में शव के सड़ने की बदबू आने लगी, तो स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तालाब से शव के हिस्से बरामद किए, लेकिन सड़ी-गली हालत के कारण उसकी पहचान नहीं हो सकी।
इसके बाद, पुलिस ने शव को अज्ञात व्यक्ति मानकर पोस्टमार्टम कराया और शव को डेड बॉडी फ्रीजर में रख दिया। कुचबंदिया समाज के सैकड़ों लोगों ने 27 अगस्त को एसडीओपी शशिकांत सरयाम को ज्ञापन देकर अर्जुन की हत्या की आशंका जताई, लेकिन पुलिस ने मामले में तत्परता नहीं दिखाई।
बाद में, पूछताछ में कोमल गौड़ और उसके साथियों ने हत्या की बात कबूल कर ली। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
न्याय की मांग
इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश उत्पन्न कर दिया है, खासकर कुचबंदिया समाज के लोगों में। उन्होंने आरोपियों को कठोर सजा देने की मांग की है और पुलिस की लापरवाही की भी कड़ी निंदा की है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने अब गहन जांच शुरू की है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि दोषियों को कानून के अनुसार कड़ी से कड़ी सजा मिले।