पोस्टमार्टम रिपोर्ट के एवज में रिश्वत मांगने वाले डॉ. दीपक दुबे का स्थानांतरण, तीन सदस्यीय जांच दल का गठन
सागर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र केसली के चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक दुबे पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बदले रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप सामने आया है। इस मामले की जांच के लिए सागर कलेक्टर श्री संदीप जी.आर. के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ममता तिमोरी ने तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया है। जांच दल को 7 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
जांच दल की संरचना और कार्य
गठित जांच दल में डॉ. जे.एस. धाकड़ (डीएचओ-1), डॉ. जी.पी. आर्य (डीएचओ-3), और डॉ. विपिन खटीक (अर्बन नोडल अधिकारी) को शामिल किया गया है। इस दल को डॉ. दीपक दुबे पर लगे आरोपों की जांच कर 7 दिवस में रिपोर्ट सौंपनी होगी।
आरोप का विवरण
डॉ. दीपक दुबे पर आरोप है कि उन्होंने मृतक धनसिंह यादव (उम्र 70 वर्ष) की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सर्पदंश से हुई मृत्यु का उल्लेख करने के लिए मृतक के पोते श्री रोहित यादव से 40,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। आरोप के अनुसार, रिश्वत न मिलने पर डॉ. दुबे ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सर्पदंश के बजाय सामान्य मृत्यु का कारण लिखा और रिपोर्ट थाने भेज दी।
इस घटना के बाद मृतक के पोते रोहित यादव ने पुलिस थाना केसली में डॉ. दीपक दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। इस मामले में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री देवेन्द्र सिंह ठाकुर ने भी प्रशासन को अवगत कराया था।
डॉ. दीपक दुबे को कारण बताओ नोटिस
कलेक्टर श्री संदीप जी.आर. के निर्देश पर डॉ. दुबे को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत कदाचार का आरोप लगाया गया है, और उनसे 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। समाधानकारक जवाब न मिलने की स्थिति में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी, जिसमें दो वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोकने का प्रस्ताव भी शामिल है।
तत्काल प्रभाव से स्थानांतरण
उक्त प्रकरण को ध्यान में रखते हुए डॉ. दीपक दुबे को तत्काल प्रभाव से सिविल अस्पताल, बीना में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्हें निर्देशित किया गया है कि वे तुरंत खंड चिकित्सा अधिकारी, सिविल अस्पताल बीना के समक्ष अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें।