कूनो नेशनल पार्क: अब खुले जंगल में स्वच्छंद विचरण करेंगे चीते
ग्वालियर। कूनो नेशनल पार्क, जो देश में चीतों का नया घर बन चुका है, अब चीतों को खुले जंगल में विचरण करने का अवसर देने जा रहा है। चीता स्टीयरिंग कमेटी ने चीतों को बड़े बाड़े से बाहर छोड़ने की स्वीकृति दे दी है। शुरुआत में, दो-दो की संख्या में चीतों को खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। इसके बाद स्थिति का मूल्यांकन कर अन्य चीतों और उनके शावकों को भी छोड़ा जाएगा। इस फैसले से चीते अब समीपवर्ती राज्यों के जंगलों में भी स्वतंत्र रूप से घूम सकेंगे।
चीतों के भोजन, सुरक्षा और निगरानी की जिम्मेदारी संबंधित राज्यों के वन मंडलों को सौंपी गई है। इस दिशा में हाल ही में मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 22 वन अधिकारियों की एक कार्यशाला कूनो नेशनल पार्क में आयोजित की गई थी।
कूनो में 24 चीते, 12 वयस्क और 12 शावक
वर्तमान में कूनो नेशनल पार्क में 12 वयस्क चीते और 12 शावक हैं, जिन्हें अभी बड़े बाड़े में रखा गया है। 17 सितंबर 2022 को भारत में पहली बार चीते लाए गए थे, और 11 मार्च 2023 को दो चीतों—पवन और आशा—को खुले जंगल में छोड़ा गया था। बाद में, गौरव (एल्टन) और शौर्य (फ्रेडी) को भी छोड़ा गया था। हालांकि, एक चीते की रेडियो कॉलर बेल्ट के कारण हुई गर्दन में संक्रमण से मौत के बाद, बाकी चीतों को वापस बड़े बाड़े में लाकर रखा गया था।
राजस्थान और उत्तर प्रदेश तक पहुंच चुके हैं चीते
कूनो नेशनल पार्क की नजदीकी सीमा राजस्थान और उत्तर प्रदेश से जुड़ी है। जब चीतों को पहले जंगल में छोड़ा गया था, तो कुछ चीते मुरैना, शिवपुरी और उत्तर प्रदेश के झांसी-ललितपुर तथा राजस्थान के करौली और बारां तक पहुंच गए थे।
अब एक बार फिर चीतों को खुले जंगल में छोड़ने का फैसला लिया गया है, और इस बार उन्हें वापस लाने की कोई योजना नहीं है। संबंधित राज्यों के वन मंडल उनकी निगरानी करेंगे, ताकि वे प्राकृतिक वातावरण में बिना किसी बाधा के रह सकें।
चीता सफारी की तैयारी भी शुरू
कूनो में चीता सफारी शुरू करने की भी तैयारी तेज हो गई है। इसके लिए वाहनों को तैयार किया जा रहा है और टूरिस्ट गाइडों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जिससे पर्यटक भी इन अद्वितीय वन्यजीवों का नजदीकी अनुभव ले सकें।
एक चीते को चाहिए 100 वर्ग किमी का क्षेत्र
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, एक चीते को करीब 100 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र चाहिए होता है। कूनो नेशनल पार्क का क्षेत्र 1200 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें 748 वर्ग किलोमीटर मुख्य जोन और 487 वर्ग किलोमीटर बफर जोन है। फिलहाल कूनो में 24 चीते हैं, इसलिए पार्क का क्षेत्र इनके लिए सीमित माना जा रहा है। लेकिन समीपवर्ती राज्यों में चीतों के स्वच्छंद विचरण की योजना से यह समस्या काफी हद तक हल हो सकती है।