एयरपोर्ट पर हाईकोर्ट सख्त: एयर कनेक्टिविटी घटने पर विमान कंपनियों को जवाब देने का अंतिम मौका
मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित डुमना एयरपोर्ट पर 450 करोड़ रुपये की लागत से विस्तारीकरण और हाईटेक सुविधाओं के बाद भी एयर कनेक्टिविटी में कमी पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है। मंगलवार को हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए विमान कंपनियों के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई।
विमान कंपनियों के जवाब से बचने पर कोर्ट की नाराजगी
हाईकोर्ट ने विमान कंपनियों को इस मामले में जवाब देने की अंतिम मोहलत दी है। विमान कंपनियों ने फ्लाइट संचालन को अपना निजी व्यापार बताते हुए जवाब देने से बचने की कोशिश की, जिस पर हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह व्यापक जनहित का मुद्दा है और कोर्ट इस पर हस्तक्षेप कर सकता है।
विमान कंपनियों पर जुर्माने की चेतावनी
मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैथ और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने कहा कि यदि विमान कंपनियां दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल नहीं करती हैं, तो प्रत्येक कंपनी पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई की तारीख 16 जनवरी तय की गई है।
एयर कनेक्टिविटी की कमी पर याचिका
यह याचिका नागरिक उपभोक्ता मंच, जबलपुर की ओर से दायर की गई है। याचिका में अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिया कि डुमना एयरपोर्ट के विस्तारीकरण पर भारी राशि खर्च होने के बावजूद एयर कनेक्टिविटी लगातार घटती जा रही है।
फ्लाइट्स की घटती संख्या बनी समस्या
याचिका के अनुसार, एक समय जबलपुर एयरपोर्ट से 15 से अधिक फ्लाइट्स का संचालन होता था, जिसमें मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, कोलकाता, दिल्ली, भोपाल, इंदौर और बिलासपुर जैसे बड़े शहरों के लिए सेवाएं शामिल थीं। लेकिन वर्तमान में केवल पांच फ्लाइट्स ही बची हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है।
एयरलाइंस का पक्ष
इंडिगो एयरलाइंस के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि जबलपुर एयरपोर्ट का रनवे बड़े विमानों के लिए उपयुक्त नहीं है, और उनके पास छोटे विमानों की उपलब्धता नहीं है। अन्य एयरलाइंस ने भी संचालन में व्यावहारिक परेशानियों का हवाला दिया।
हाईकोर्ट का निर्देश
हाईकोर्ट ने एयरलाइंस को नए पक्षकार के रूप में शामिल करते हुए उन्हें दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि एयरपोर्ट का विस्तार जनहित में किया गया है, और विमान कंपनियों को इसके महत्व को समझते हुए आवश्यक कदम उठाने होंगे।
डुमना एयरपोर्ट की घटती एयर कनेक्टिविटी के कारण न केवल जबलपुर बल्कि पूरे क्षेत्र के यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। हाईकोर्ट का यह सख्त रुख यात्रियों की उम्मीदों को फिर से जागृत कर सकता है।