मोहन यादव सरकार का पहला पूर्ण बजट 12 मार्च को होगा पेश, रोजगार और विकास पर रहेगा फोकस
भोपाल। मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार का पहला पूर्ण बजट 12 मार्च को पेश किया जा सकता है। राज्य सरकार का वित्त विभाग इस नए बजट की तैयारियों में जुटा हुआ है। अगले दस दिनों में कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा में पेश किया जाएगा।
बजट का आकार और प्रमुख मुद्दे
इस बार का बजट चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का होगा। साथ ही, चालू वित्त वर्ष का तीसरा अनुपूरक बजट भी बजट सत्र में पेश किया जाएगा, जो 10 मार्च से शुरू हो रहा है। इस बजट में गोवंश संरक्षण, पर्यावरण, धरोहर व पर्यटन स्थलों के विकास, रोजगार, ई-परिवहन और झुग्गीमुक्त शहरों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
पिछले साल नहीं आ सका था पूर्ण बजट
वर्ष 2024 में लोकसभा चुनावों के कारण मोहन सरकार पूर्ण बजट पेश नहीं कर सकी थी। तब केवल तीन माह के खर्च के लिए लेखानुदान पारित किया गया था और 1 जुलाई को बजट सत्र बुलाकर 3 जुलाई को बजट पेश किया गया था।
बजट तैयारियों की जिम्मेदारी इस बार मनीष रस्तोगी के पास
इस बार बजट तैयार करने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मनीष रस्तोगी को सौंपी है। पिछले साल यह जिम्मा मनीष सिंह के पास था, जो इस समय स्टडी लीव पर हैं।
वित्त विभाग की टीम ने अब तक मिले सुझावों को संकलित कर लिया है और मुख्यमंत्री एवं डिप्टी सीएम से चर्चा के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव और वित्त विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के बीच अगले दस दिनों तक लगातार बैठकें होने की संभावना है।
बजट में किन मुद्दों पर रहेगा फोकस?
1. रोजगार और सरकारी भर्तियां
- बेरोजगारी कम करने के लिए एक लाख पदों पर भर्ती की तैयारी।
- कर्मचारी चयन बोर्ड, पीएससी और एमपी ऑनलाइन के माध्यम से भर्ती के विज्ञापन जारी।
2. गोवंश संरक्षण और धार्मिक पर्यटन
- गौशालाओं और गोवंश संरक्षण के लिए विशेष प्रावधान।
- धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के संवर्धन और पर्यटन विकास पर जोर।
3. ई-परिवहन और झुग्गीमुक्त शहर
- ई-परिवहन और स्मार्ट सिटी मिशन को गति देने के लिए बजट में विशेष प्रावधान।
- झुग्गीमुक्त शहरों के लिए नई योजनाओं की घोषणा संभव।
4. पर्यावरण और जल संरक्षण
- वन, भूमि और जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन पर जोर।
- नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा।
5. औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन
- प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए औद्योगिक नीतियों में सुधार।
- स्टार्टअप्स और लघु उद्योगों को समर्थन देने के लिए नई योजनाएं।
6. सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजनाएं
- थर्ड जेंडर, निराश्रित, अनुसूचित जाति-जनजाति और विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए नई योजनाएं।
- विमुक्त, घुमंतु और अर्ध घुमंतु जनजातियों के विकास के लिए विशेष पैकेज।
सरकार की प्राथमिकताएं और विभागीय तैयारियां
- वित्त विभाग ने सभी विभागों से बजट प्रावधान और खर्च का ब्योरा मांगा।
- केंद्र प्रवर्तित योजनाओं और उनके क्रियान्वयन की प्रगति रिपोर्ट तैयार।
- विभिन्न विभागों ने अपनी नई योजनाओं के संबंध में सरकार को प्रस्ताव भेजे।
- नवाचार और राजस्व वृद्धि के उपायों पर भी चर्चा जारी।
बजट सत्र में होगी गहन चर्चा
इस बार बजट सत्र में विपक्षी दलों की ओर से सरकार से राजकोषीय घाटे, बेरोजगारी और महंगाई को लेकर तीखे सवाल उठने की संभावना है। वहीं, सरकार इस बजट को प्रदेश के समग्र विकास और रोजगार सृजन पर केंद्रित रखने का दावा कर रही है।
अब सभी की नजरें 12 मार्च को पेश होने वाले बजट पर टिकी हैं, जो मोहन यादव सरकार की वित्तीय प्राथमिकताओं और आगामी नीतियों की दिशा तय करेगा।