वोडाफोन आइडिया आर्थिक संकट से जूझती कंपनी ला सकती है राइट्स इश्यू, CEO ने जताई संचालन बंद होने की आशंका
नई दिल्ली। देश की प्रमुख टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया आर्थिक संकट के गहरे दौर से गुजर रही है। सुप्रीम कोर्ट से एजीआर बकाया (AGR dues) मामले में राहत नहीं मिलने के बाद कंपनी के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं। कंपनी के सीईओ ने दूरसंचार विभाग को स्पष्ट कर दिया है कि यदि समय पर सरकार का समर्थन नहीं मिला, तो कंपनी वित्तवर्ष 2025-26 के बाद अपना संचालन जारी नहीं रख सकेगी।
यह बयान एक तरह से कंपनी के दिवालियापन की ओर इशारा करता है, हालांकि कंपनी खुद को उबारने के लिए लगातार फंड जुटाने की कोशिशें कर रही है। इसी दिशा में कंपनी अब राइट्स इश्यू लाने की तैयारी में है। वोडाफोन आइडिया ने स्टॉक एक्सचेंज को इस संबंध में जानकारी दी है।
मार्च तिमाही के नतीजों के साथ आ सकता है बड़ा ऐलान
वोडाफोन आइडिया 30 मई, शुक्रवार को अपने मार्च तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी करेगी। कंपनी ने संकेत दिए हैं कि वह इस मौके पर फंड जुटाने के लिए राइट्स इश्यू समेत अन्य विकल्पों पर विचार कर सकती है।
क्या है कंपनी की योजना?
कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा है कि वह राइट्स इश्यू, पब्लिक ऑफर, प्राइवेट प्लेसमेंट, प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) और बॉन्ड्स, वॉरंट्स, डिबेंचर्स जैसे विकल्पों पर विचार कर रही है। ये सभी प्रस्ताव कंपनी की आगामी एजीएम (वार्षिक आम बैठक) में मंजूरी के लिए पेश किए जा सकते हैं।
क्यों जरूरी है फंडिंग?
वोडाफोन आइडिया पर वर्तमान में ₹58,000 करोड़ से अधिक का AGR बकाया है। कंपनी लंबे समय से नकदी संकट का सामना कर रही है और सरकार से सहायता की गुहार लगा चुकी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा AGR बकाया से संबंधित याचिका खारिज किए जाने से उसे बड़ा झटका लगा।
इसके अलावा, कंपनी को नेटवर्क विस्तार और 5G रोलआउट के लिए भी भारी निवेश की आवश्यकता है ताकि वह Jio और Airtel जैसी प्रतिस्पर्धी कंपनियों के सामने टिक सके।
राइट्स इश्यू क्या होता है?
राइट्स इश्यू वह प्रक्रिया है जिसके तहत कोई कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को सीमित समय के भीतर डिस्काउंट प्राइस पर अतिरिक्त शेयर खरीदने का अवसर देती है। यह न केवल कंपनी के लिए फंड जुटाने का तरीका होता है, बल्कि इससे शेयरधारकों को भी लाभ मिल सकता है।
अगर वोडाफोन आइडिया यह विकल्प अपनाती है, तो उसके शेयरधारकों को बाजार मूल्य से कम कीमत पर अतिरिक्त शेयर खरीदने का मौका मिल सकता है।