हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास
सागर। सीने में चाकू घोंपकर हत्या करने के आरोपी समीर जाटव को अदालत ने आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। विशेष अपर सत्र न्यायाधीश प्रषांत कुमार सक्सेना की अदालत ने समीर को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दोषी पाते हुए यह सजा सुनाई। इसके अतिरिक्त, धारा 201 के तहत तीन साल का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये का अर्थदंड, तथा आयुध अधिनियम की धारा 27(1) के तहत एक साल का सश्रम कारावास और दो हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया।
मामले का विवरण
शिकायतकर्ता रामबाई आदिवासी ने 2 दिसंबर 2021 को थाना गोपालगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनका बेटा लखन आदिवासी रात को 8 बजे घर से निकला था और देर रात तक नहीं लौटा। पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज किया और जांच के दौरान पाया कि समीर जाटव और सचिन ने लखन को आखिरी बार देखा था। समीर ने पहले से चली आ रही रंजिश के कारण लखन को चाकू मार दिया और उसकी लाश को सुलभ कॉम्प्लेक्स के सेप्टिक टैंक में डाल दिया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने समीर जाटव को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसमें उसने अपना अपराध स्वीकार किया। समीर की निशानदेही पर लखन की लाश सेप्टिक टैंक से बरामद की गई और आवश्यक सबूत जुटाए गए। अभियोजन पक्ष ने अभियोग पत्र तैयार कर अदालत में पेश किया, जहां अभियोजन के साक्ष्यों को प्रमाणित किया गया और समीर को दोषी करार दिया गया।
अभियोजन पक्ष
मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेंद्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सौरभ डिम्हा ने की। अभियोजन ने सभी साक्ष्यों और गवाहों के बयान प्रस्तुत कर समीर को दोषी साबित किया। अदालत ने समीर को दोषी ठहराते हुए उपरोक्त सजा सुनाई।