सिगरेट और तंबाकू के शौकीनों पर बढ़ेगा बोझ, GST दर 35% तक बढ़ने की संभावना
अगर आप सिगरेट और तंबाकू का सेवन करते हैं, तो तैयार हो जाइए, क्योंकि जल्द ही आपकी जेब पर इसका असर दिखने वाला है। हाल ही में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक में तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी की दर 28% से बढ़ाकर 35% करने पर चर्चा की गई। इस बदलाव के बाद सिगरेट की कीमतों में बड़ा इजाफा देखने को मिलेगा।
सिगरेट की असली कीमत का गणित
सिगरेट की कीमत में कई तरह के कर और शुल्क शामिल होते हैं। आइए समझते हैं कि 100 रुपये की लागत से तैयार सिगरेट आपके पास पहुंचते-पहुंचते कितनी महंगी हो जाती है।
मूल लागत से बाजार मूल्य तक का हिसाब:
मैन्युफैक्चरिंग लागत: 100 रुपये
एक्साइज ड्यूटी (0.5%): 0.23 रुपये
नेशनल कैलेमिटी कंटिंजेंट ड्यूटी (NCCD): 1.04 रुपये
जीएसटी पूर्व कीमत: 101.27 रुपये
जीएसटी (28%): 28.35 रुपये
कंपनसेशन सेस: 25.82 रुपये
कुल कीमत: 155.44 रुपये
10 रुपये की सिगरेट की वास्तविक कीमत
यदि बाजार में एक सिगरेट की कीमत 10 रुपये है, तो उसकी असली उत्पादन लागत करीब 4.50 रुपये होती है। बाकी का हिस्सा विभिन्न करों और सेस की वजह से बढ़ता है। अगर जीएसटी दर बढ़कर 35% हो जाती है, तो सिगरेट की कीमत में और भी ज्यादा इजाफा होगा।
सरकार का उद्देश्य
तंबाकू और सिगरेट पर टैक्स बढ़ाने का मकसद इनके इस्तेमाल को हतोत्साहित करना और राजस्व बढ़ाना है। बढ़ी हुई कीमतों से लोगों में तंबाकू उत्पादों का सेवन कम करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
आप पर असर
अगर आप नियमित रूप से सिगरेट का सेवन करते हैं, तो इस बदलाव के बाद आपकी मासिक खर्च में बढ़ोतरी तय है। यह न केवल आपकी सेहत बल्कि आपके बजट पर भी भारी पड़ेगा।
सरकार के इस कदम का उद्देश्य स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को कम करना और राजस्व में वृद्धि करना है। इससे तंबाकू उत्पादों की बढ़ती खपत पर अंकुश लगने की उम्मीद है।