ऑडिट विभाग में 7 करोड़ का घोटाला: बाबू संदीप शर्मा ने हाईकोर्ट के फर्जी आदेश से की ठगी, FIR दर्ज
जबलपुर के ऑडिट विभाग में सहायक ग्रेड-3 के पद पर तैनात संदीप शर्मा ने अपने ही विभाग को करोड़ों का चूना लगा दिया। उसने हाईकोर्ट के फर्जी आदेशों के जरिए शासकीय विभाग से 7 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर ली और किसी को भनक तक नहीं लगी। मामले का खुलासा फरवरी 2025 में विभागीय ऑडिट के दौरान हुआ, जिसके बाद पुलिस ने संदीप सहित 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
फर्जी हाईकोर्ट आदेश से निकाली करोड़ों की रकम
जिला कोषालय की शिकायत के मुताबिक, संदीप शर्मा ने हाईकोर्ट जबलपुर बेंच का फर्जी आदेश तैयार किया और इसे महाधिवक्ता कार्यालय, मध्यप्रदेश के आधिकारिक पत्रों में डिजिटल एडिटिंग कर फर्जी दस्तावेज बना लिए। इसके बाद उसने उन लोगों के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान करवा दिया, जो कभी सरकारी नौकरी में थे ही नहीं।
सैलरी सॉफ्टवेयर के जरिए अपना वेतन 5 लाख तक बढ़ाया
संदीप शर्मा सैलरी सॉफ्टवेयर चलाने में एक्सपर्ट था। उसने अपने वेतन में हेरफेर कर 44,000 की सैलरी को 4,44,000 रुपए प्रतिमाह कर लिया। इस तरीके से वह सिर्फ सैलरी के जरिए ही 55 लाख रुपए गबन कर चुका था।
इसके अलावा, रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और अन्य सरकारी योजनाओं की रकम भी उसने हेरफेर कर अपने साथी कर्मचारियों के साथ बांट ली।
फर्जी नियुक्ति और 10 लाख रुपए का गबन
जांच में पता चला कि संदीप ने प्रतीक शर्मा नाम से एक काल्पनिक कर्मचारी बना दिया। उसके नाम से फर्जी एम्पलॉय कोड और परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) जनरेट किया और फिर उसे सरकारी सॉफ्टवेयर IFMIS में ऑनलाइन दर्ज कर दिया।
इसके बाद 10 लाख 73 हजार रुपए की निकासी कर ली। जब जांच टीम ने सत्यापन किया, तो पता चला कि प्रतीक शर्मा नाम का कोई कर्मचारी ही नहीं था।
कैंसर का मरीज बनकर 2 लाख की ठगी
संदीप शर्मा ने मार्च 2021 में जिला कोषालय से मेडिकल बिल पास करवाया, जिसमें उसने खुद को कैंसर का मरीज बताया। इलाज के नाम पर 2 लाख से अधिक की राशि निकाल ली।
बैंक नहीं दे रहे जानकारी, 38 खातों में हुआ ट्रांजेक्शन
जांच में खुलासा हुआ है कि संदीप ने 38 अलग-अलग बैंक खातों में घोटाले की राशि ट्रांसफर की। लेकिन जब जांच टीम ने बैंक से जानकारी मांगी, तो बैंक ने सहयोग करने से इनकार कर दिया।
टीम ने संदीप शर्मा के बैंक खातों की 10 साल की जानकारी मांगी है, लेकिन बैंक इसका खुलासा नहीं कर रहा। इससे जांच प्रभावित हो रही है।
FIR होते ही आरोपी फरार, 5 टीमें कर रही तलाश
13 मार्च को जिला कोषालय अधिकारी की शिकायत पर ओमती थाना पुलिस ने संदीप शर्मा सहित 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की। अन्य आरोपियों में संयुक्त संचालक मनोज बरहैया, सीमा अमित तिवारी, प्रिया विश्नोई और अनूप कुमार शामिल हैं।
पुलिस ने इस घोटाले में शामिल 3 दर्जन से अधिक लोगों को संदेह के घेरे में रखा है। FIR दर्ज होते ही सभी आरोपी फरार हो गए हैं। पुलिस ने 5 टीमें बनाकर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस का कहना है कि संदीप शर्मा और उसके साथियों की लोकेशन ट्रेस की जा रही है। बैंक से जानकारी मिलते ही सभी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।