कत्ल का खौफनाक खेल खत्म! सीरियल किलर ‘हल्कू’ को कोर्ट ने सुनाई सख्त सजा
सागर। शहर में दहशत फैलाने वाले कुख्यात सीरियल किलर शिव प्रसाद उर्फ हल्कू घुर्वे को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (विद्युत अधिनियम) प्रशांत सक्सेना की अदालत ने आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। चौकीदार कल्याण सिंह की निर्मम हत्या के मामले में आरोपी को दोषी पाते हुए अदालत ने उसे भा.दं.सं. की धारा 302, 460 और 394 के तहत अलग-अलग सजाएँ दी हैं।
क्या था पूरा मामला?
28 अगस्त 2022 को सागर के भैसा बायपास रोड स्थित बब्बल विश्वकर्मा की वर्कशॉप में काम करने वाले चौकीदार कल्याण सिंह की लाश संदिग्ध हालात में मिली थी। उनके माथे और सिर पर गहरे घाव थे और पास में एक रक्तरंजित हथौड़ा पड़ा था। सूचना मिलने पर थाना प्रभारी केंट अजय कुमार सनकत अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और अज्ञात आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया।
ऐसे पकड़ा गया सीरियल किलर
पुलिस और एफएसएल (फॉरेंसिक) टीम ने घटनास्थल से कई महत्वपूर्ण सुराग जुटाए। जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि हत्या में शिव प्रसाद उर्फ हल्कू घुर्वे का हाथ है। इसके बाद थाना सिविल लाइन पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया और सघन पूछताछ की। पूछताछ में आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हथियार और अन्य सबूत जब्त कर लिए और मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
अदालत में पेश हुए पक्के सबूत
विचारण के दौरान विशेष लोक अभियोजक सौरभ डिम्हा ने आरोपी के खिलाफ मजबूत साक्ष्य और गवाह अदालत में पेश किए। उन्होंने दलील दी कि आरोपी एक सीरियल किलर की मानसिकता रखता है और समाज के लिए खतरनाक है। अभियोजन ने अदालत से मृत्युदंड की माँग की, लेकिन कोर्ट ने इसे ‘विरलतम से विरल’ नहीं मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
कोर्ट का फैसला
न्यायालय ने शिव प्रसाद उर्फ हल्कू घुर्वे को
- धारा 302 (हत्या) के तहत आजीवन सश्रम कारावास और ₹5000 का अर्थदंड
- धारा 460 के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹1000 का अर्थदंड
- धारा 394 के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹1000 का अर्थदंड
सजा सुनाई। अदालत के इस फैसले के बाद पीड़ित परिवार और स्थानीय नागरिकों ने राहत की सांस ली।
सागर में खौफ का नाम था 'हल्कू'
जानकारी के मुताबिक, शिव प्रसाद उर्फ हल्कू पहले भी कई गंभीर अपराधों में शामिल रहा है। हत्या, लूट और हमलों में उसका नाम आता रहा है, लेकिन हर बार वह बच निकलता था। इस बार पुलिस की पुख्ता कार्रवाई और अदालत के ठोस फैसले ने सागर शहर को एक खतरनाक अपराधी से मुक्त कर दिया।