अमृत सरोवर घोटाला: संभागायुक्त ने दो अफसरों को किया निलंबित
सागर। अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों के निर्माण में भारी अनियमितताओं का खुलासा होने के बाद संभागायुक्त डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा दमोह के प्रभारी सहायक यंत्री महेंद्र सिंह और उपयंत्री राहुल पटैल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
4 मार्च को एक समाचार पत्र में रिपोर्ट छपी कि अमृत सरोवर योजना में 8 तालाब बिना बनाए ही 2.14 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया। रिपोर्ट के बाद कलेक्टर, दमोह ने जांच के आदेश दिए और अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), हटा की अध्यक्षता में टीम गठित की गई।
जांच टीम ने 5 मार्च 2025 को मौके पर जाकर 9 अमृत सरोवरों का निरीक्षण किया और गंभीर अनियमितताएं पाई गईं—
- गलत साईट सिलेक्शन: 3 तालाब गलत जगहों पर बनाए गए।
- गुणवत्ताहीन निर्माण: 6 तालाबों में पिचिंग कार्य बेहद खराब मिला।
- बेस्टवियर निर्माण अधूरा: 9 में से 5 तालाबों में बेस्टवियर बना ही नहीं, 3 का निर्माण अमानक स्तर का पाया गया।
- प्रगतिरत कार्य: सिर्फ 1 तालाब (ग्राम पंचायत घोघरा) अधूरा मिला।
क्यों हुई कार्रवाई?
तालाबों के गलत मूल्यांकन और भुगतान की जिम्मेदारी प्रभारी सहायक यंत्री महेंद्र सिंह और उपयंत्री राहुल पटैल की थी। संभागायुक्त ने इसे गंभीर लापरवाही, अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार माना।
अब क्या होगा?
म.प्र. सिविल सेवा नियमों के तहत दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। आगे की जांच के बाद उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई संभव है।