FIR सिर्फ खानापूर्ति है — मंत्री विजय शाह के बयान पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, सुप्रीम कोर्ट ने भी लगाई फटकार
मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान पर दर्ज FIR की भाषा को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को तीखी नाराजगी जताई। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने FIR को केवल खानापूर्ति करार देते हुए कहा कि इसमें आरोपी के आपराधिक कृत्य का कोई ठोस विवरण नहीं है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अब इस मामले की जांच उसकी निगरानी में होगी ताकि कोई राजनीतिक या प्रशासनिक दबाव जांच को प्रभावित न कर सके।
हाईकोर्ट ने FIR को खारिज करने लायक बताया। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की बेंच ने कहा कि FIR में मंत्री के बयान के वो तत्व ही नहीं दर्शाए गए जो भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 और 192 के तहत अपराध सिद्ध कर सकें। कोर्ट ने कहा, “FIR में तथ्यात्मक विवरण का अभाव है, ऐसा लगता है कि इसे जानबूझकर कमजोर बनाया गया ताकि CrPC की धारा 482 के तहत रद्द किया जा सके।”
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने भी विजय शाह को फटकार लगाते हुए उनकी याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने पूछा, “आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए? आप किस तरह के बयान दे रहे हैं? आप एक जिम्मेदार पद पर हैं, आपको अपने शब्दों की गंभीरता समझनी चाहिए।”
राज्य सरकार की सफाई और हाईकोर्ट की सख्ती
राज्य के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर बुधवार शाम इंदौर के मानपुर थाने में FIR दर्ज कर दी गई है और जांच चल रही है। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह कोई हत्या नहीं, बल्कि एक आपत्तिजनक भाषण का मामला है, जिसमें लंबी जांच की जरूरत नहीं है।
क्या कहा था मंत्री ने?
रविवार को इंदौर के महू में मंत्री विजय शाह ने कहा था,
“उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनके घर भेजा... तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी।”
यह बयान उस वक्त दिया गया जब ऑपरेशन सिंदूर के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश विभाग के सचिव विक्रम मिसरी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए थे।
माफी का वीडियो जारी किया
बयान पर विवाद बढ़ने के बाद विजय शाह ने वीडियो जारी कर माफी मांगी। उन्होंने कहा, “मैं शर्मिंदा हूं, माफी चाहता हूं। मेरा उद्देश्य सेना और सोफिया बहन के काम को उजागर करना था, लेकिन शब्द गलत थे।”