खंभे पर चढ़े बिजली कर्मचारी को लगा करंट, तीसरी बार झुलसा गंभीर हालत में ICU में भर्ती | ग्रामीणों का प्रदर्शन, रोड किया जाम
रतलाम ज़िले के धानासुता गांव में शनिवार को बिजली फाल्ट सुधारने के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। खंभे पर चढ़े बिजली कर्मचारी राकेश माली को अचानक करंट लग गया और वह बेहोश होकर नीचे गिर पड़ा। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही कि नीचे खड़े ग्रामीणों ने उसे पकड़ने की कोशिश की, जिससे उसकी जान बच गई। उसे तुरंत रतलाम के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है।
घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें करंट लगने के बाद राकेश माली खंभे से गिरते नजर आ रहा है। इस हादसे के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने बिना सुरक्षा इंतज़ाम के कर्मचारियों से काम कराने को लेकर बिजली कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन किया और बड़नगर-खाचरौद रोड पर जाम लगा दिया।
"बिजली किसने चालू की?"—ग्रामीणों का सवाल
ग्रामीणों का आरोप है कि राकेश ने फॉल्ट सुधारने से पहले अनुमति ली थी और लाइन बंद थी। फिर अचानक करंट कैसे आया? उन्होंने सवाल उठाया कि जब परमिशन लेकर लाइन बंद की गई थी तो बिजली किसने चालू की? दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई और घायल कर्मचारी को आर्थिक सहायता देने की मांग की गई।
हंगामे की सूचना पर बिजली कंपनी के कार्यपालन यंत्री मौके पर पहुंचे और जांच का आश्वासन दिया। वहीं, घायल राकेश से मिलने अस्पताल पहुंचे अधीक्षण यंत्री बेंजामीन फ्रेंकलिन ने बताया कि लाइनमैन मंगलसिंह ने परमिट लिया था, लेकिन तकनीकी रूप से "रिटर्न करंट" आ गया जिससे हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि लाइनमैन मंगलसिंह को निलंबित किया जा रहा है और जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी।
तीसरी बार करंट का शिकार
राकेश माली पहले भी दो बार करंट की चपेट में आ चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि पहली बार कमेड़ की ग्रिड और दूसरी बार कमेड़ चौराहे पर उसे करंट लगा था। शनिवार को यह तीसरी घटना है।
एक माह पहले भी हुआ था ऐसा ही हादसा
इससे पहले 12 अप्रैल को रतलाम के पिपलौदा में करंट लगने से एक अन्य आउटसोर्स लाइनमैन शांतिलाल पोरवाल की मौत हो गई थी। वह भी बिना सुरक्षा उपकरणों के 11 केवी लाइन का फाल्ट सुधारने के दौरान हादसे का शिकार हुआ था।