नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को मिली यह सजा.....
सागर। नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी अंकित उर्फ अज्जू पिता रतिराम सौर को कड़ी सजा सुनाई गई है। आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के तहत 5 वर्ष का सश्रम कारावास और एक हजार रुपये का अर्थदण्ड तथा पॉक्सो एक्ट, 2012 की धारा 5एल/6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास और दो हजार रुपये का अर्थदण्ड दिया गया। इसके साथ ही धारा 5(जे)(आईआई)/6 के तहत भी 20 वर्ष का सश्रम कारावास और दो हजार रुपये का अर्थदण्ड लगाया गया। यह सजा तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला की अदालत द्वारा सुनाई गई। मामले की पैरवी प्रभारी उप संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण:
शिकायतकर्ता, जो पीड़िता का भाई है, ने चौकी शाहपुर थाना सानौधा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि रात करीब 1 बजे तक सभी लोग टीवी देख रहे थे और बाद में सो गए। अगले दिन सुबह जब वे जागे, तो उन्होंने पाया कि उसकी बहन घर पर नहीं थी। उसे किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का संदेह हुआ। 24 अगस्त 2022 को पीड़िता के दस्तयाब होने पर उसने बताया कि 2 मार्च 2022 को अभियुक्त अंकित उर्फ अज्जू उसे बहला-फुसलाकर भगा ले गया था और कई बार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे।
रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने प्रकरण पंजीबद्ध कर मामले की विवेचना शुरू की। विवेचना के दौरान साक्षियों के बयान दर्ज किए गए, घटना स्थल का नक्शा तैयार किया गया और अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र किए गए। इसके बाद थाना सानौधा द्वारा धारा 366ए, 376(2)(एन) भा.दं.सं. और धारा 5/6, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत अभियुक्त के विरुद्ध मामला दर्ज कर जांच पूरी की गई और चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
अभियोजन पक्ष ने साक्ष्यों और दस्तावेजों को प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष का मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला की अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा सुनाई।