MP के इन ग्रामीणों की अनोखी मांग : जब तक सड़क नहीं, हेलिकॉप्टर सेवा दी जाए
रीवा (मध्यप्रदेश)। रीवा जिले की सिरमौर विधानसभा के ग्राम पंचायत गाढ़ा 138 में विकास की रफ्तार थमती नजर आ रही है। यहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है – न सड़क है, न पुल। गांव की बदहाली और प्रशासन की अनदेखी से परेशान तीन युवकों ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया है।
मंगलवार को धनेश सोनकर नामक युवक अपने दो साथियों के साथ रीवा कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने हाथों में ‘सड़क और पुल चोरी हो गया’ लिखी तख्ती थामी और ऐलान किया कि वे कलेक्ट्रेट से मुख्यमंत्री निवास भोपाल तक पैदल मार्च करेंगे। धनेश ने चेतावनी दी कि अगर भोपाल में भी उनकी बात नहीं सुनी गई, तो वे आत्मदाह करेंगे।
"जब तक सड़क नहीं, हेलिकॉप्टर सेवा दी जाए"
धनेश का कहना है कि गांव की सड़कें और पुल इतने जर्जर हाल में हैं कि एम्बुलेंस भी नहीं पहुंच पाती। बीमार लोगों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता, जिससे कई बार जानें जा चुकी हैं। ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि जब तक पक्की सड़क और पुल नहीं बनते, ग्रामीणों के लिए हेलिकॉप्टर सेवा मुहैया कराई जाए।
कागज़ों पर बन चुकी सड़क, ज़मीन पर कुछ नहीं
युवक ने एक आरटीआई का हवाला देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांव की सड़क और पुल पहले ही 'कागज़ों पर' बन चुके हैं। निर्माण कार्य दर्शा दिया गया है, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। धनेश का आरोप है कि इसमें भारी भ्रष्टाचार हुआ है, जिसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
शिलान्यास हुआ, पर काम अधूरा
गांव के लोगों ने बताया कि 12 फरवरी 2023 को सिरमौर विधायक द्वारा 2.51 करोड़ रुपये की लागत से सड़क का शिलान्यास किया गया था। लेकिन PWD और ठेकेदार ने सिर्फ मिट्टी डालकर काम अधूरा छोड़ दिया। अब तक निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ा है।
SC बस्ती की नहीं हो रही सुनवाई
गांव में अनुसूचित जाति की बड़ी आबादी है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन उनकी बातों को लगातार अनदेखा कर रहा है। RTI के जरिए मांगी गई जानकारी का भी कोई जवाब नहीं मिला। निजी ज़मीन को सरकारी बताकर अतिक्रमण हटाया गया, घरों को तोड़ा गया, मुआवज़ा देने का वादा भी अधूरा रह गया।
15 मई तक अल्टीमेटम, फिर हाईकोर्ट की राह
ग्रामीणों ने प्रशासन को 15 मई तक का समय दिया है। अगर तब तक सड़क और पुल का निर्माण शुरू नहीं हुआ, तो वे हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दाखिल करेंगे।
प्रशासन का जवाब – होगी जांच
इस पूरे मामले में रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा है कि ग्रामीणों की समस्याएं गंभीर हैं। जिला पंचायत सीईओ के माध्यम से जांच करवाई जाएगी और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।