‘नारायण टैक्स’ बयान पर बवाल: जीतू पटवारी को मुख्यमंत्री के भाई का 10 करोड़ का मानहानि नोटिस
उज्जैन की सभा में दिया गया बयान बना विवाद की जड़, कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
उज्जैन। बड़नगर तहसील में आयोजित एक सभा के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी द्वारा दिया गया एक बयान अब सियासी और कानूनी विवाद का रूप ले चुका है। सभा के दौरान पटवारी ने दावा किया कि सिंहस्थ को लेकर उज्जैन में होटल व्यवसाय शुरू करने वालों से 20 प्रतिशत 'नारायण टैक्स' वसूला जा रहा है। इस बयान के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है।
वीडियो में जीतू पटवारी मंच से ‘श्रीमन नारायण-नारायण’ भजन गाते हुए कह रहे हैं कि जो भी उज्जैन में होटल बना रहा है, ठेकेदारी या शराब व्यवसाय में लगा है, उससे नारायण टैक्स वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह टैक्स भोलेनाथ की नगरी के नाम पर लगाया गया है। पटवारी ने इंदौर का जिक्र करते हुए वहां भी ‘नारायण टैक्स’ लगने की बात कही और दावा किया कि अब ‘नारायण भैया’ खुद को ‘दयालु बाबा’ कहने लगे हैं।
मुख्यमंत्री के भाई नारायण यादव का पलटवार, भेजा मानहानि नोटिस
पटवारी के बयान पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बड़े भाई नारायण यादव ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष को 10 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। यह नोटिस एडवोकेट वीरेंद्र शर्मा के माध्यम से जारी किया गया है।
नोटिस में कहा गया है कि पटवारी ने सार्वजनिक मंच से नारायण यादव का नाम टैक्स वसूली से जोड़कर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। इससे उन्हें मानसिक पीड़ा हुई है और प्रदेशभर से उन्हें सवालों का सामना करना पड़ रहा है।
गंभीर आरोप, आपराधिक मंशा का दावा
नोटिस में लिखा गया है कि यह बयान दुर्भावनापूर्ण और आपराधिक मंशा से प्रेरित था, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 356 के अंतर्गत आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया है कि पटवारी ने एक जिम्मेदार राजनीतिक पद पर रहते हुए जनता को गुमराह किया है।
10 करोड़ की क्षतिपूर्ति और माफी की मांग
एडवोकेट शर्मा के मुताबिक, नोटिस में पटवारी से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और 10 करोड़ रुपए क्षतिपूर्ति देने की मांग की गई है। साथ ही नोटिस भेजने में हुए खर्च के लिए एक लाख रुपए की अलग से मांग की गई है। ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
अब आगे क्या?
इस पूरे घटनाक्रम के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि जीतू पटवारी इस कानूनी नोटिस का क्या जवाब देते हैं और कांग्रेस पार्टी इस मसले पर क्या रुख अपनाती है।